नमस्कार दोस्तों, इस पोस्ट में डॉ विकास दिव्यकीर्ति के Biography, Wikipedia, Drishti IAS, Wife, Family, Age, Cast, Contact Number, IAS Rank के बारे में चर्चा करेंगे।
डॉ विकास दिव्यकीर्ति एक अध्यापक, प्रोफ़ेसर, लेखक व Drishti Ias नामक कोचिंग संस्थान, जो UPSC(UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION संघ लोक सेवा आयोग ) के सिविल सेवा(Ias, Ips, Ifos) की चयन परीक्षा की कोचिंग देते हैं, के संस्थापक है।
वर्तमान समय में Dr Vikas Divyakirti सोशल मिडिया के माध्यम से बहुत ही प्रसिद्धि पा चुके हैं, उनका sense of humour, मजाकिया लहजा व विषय में पकड़ काफी शानदार है व देखते ही बनता है(लोग इसी के दीवाने हैं)
Drishti IAS एक नजर: यह ‘दृष्टि द विज़न’ के नाम से मशहूर है। Drishtiias.com इनका ऑफिसियल वेबसाइट है, जो सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के प्रति एक समर्पित संस्थान है जिसका मुख्य फोकस हिंदी माध्यम से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों पर रहा है। संस्थान की स्थापना नवंबर 1999 में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति तथा डॉ. तरुणा वर्मा द्वारा की गई थी। तब से लेकर आज तक यह सिविल सेवा अभ्यर्थियों के बीच एक लोकप्रिय एवं उपयोगी संस्थान रहा है।
2022 की स्थिति में दृष्टि आईएएस की तीन शाखाएँ मुखर्जी नगर दिल्ली, इलाहबाद(उत्तर प्रदेश) एवं जयपुर(राजस्थान) में मौजूद हैं।
शुरूआती जीवन: Dr Vikas Divyakirti जी का जन्म 26 दिसम्बर 1973 में हरियाणा के एक संपन्न माध्यम परिवार में उनके माता-पिता दोनों अध्यापक रहें हैं, घर में वे तीन भाई है।
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डॉ विकास दिव्यकीर्ति Wiki, Biography

Name | विकास दिव्यकीर्ति |
Cast | हरियाणवी |
Date of Birth | 26 दिसम्बर 1973 |
Age | 48 वर्ष(2022 की स्थिति में) |
Birth Place | हरियाणा |
Nationality | भारतीय |
Educational Qualification | BA History Honours, MA Hindi Literature and Sociology, Ph.D., LLB, JRF (ये सभी पढ़ाई उन्होंने अंग्रेजी माध्यम से किया है पर उनका स्कूलिंग हिंदी माध्यम में रहा है।) |
डॉ विकास दिव्यकीर्ति Family
Mother & Father | Name not known |
Martial Status | Married |
Wife’s Name | Taruna Verma |
Son’s Name | Satvik Divyakirti |
विकास दिव्यकीर्ति सर के पिता व माता जी जी के बारे में: हरियाणा के रोहतक में स्थित महर्षि दयानन्द विद्यालय के एफिलिएटेड कॉलेज में हिंदी अध्यापक(लेक्चरर) रहे हैं। उनकी माता जी रोहतक के ही स्कूल में टीचर थी, विकास सर और उनके तीनों भाई वही के स्कूल से पढ़े हैं।

शुरूआती शिक्षा व रूचि: विकास सर की रूचि स्कूल के समय से ही लीडरशिप में रहा है, उनके स्कूल में मंत्रिमंडल बनाया जाता था और हर वर्ष वे कक्षा के चुनाव में में हिस्सा लिया करते थे व जीता करते थे, वे डिबेटिंग भी बहुत ही अच्छा किया करते थे, जिसके कारण वे व उनके पिताजी चाहते थे की विकास सर देश की राजनीती में एक बड़ा लीडर बने।
अंग्रेजी रही कमजोर: अपने स्कूल के दिनों में अंग्रेजी विषय को छोड़कर बाकी सभी विषयों में वे ठीक-ठाक अंक प्राप्त कर लेते थे, पर अंग्रेजी में उन्हें कुछ भी नहीं आता था, पर हर वर्ष वे कक्षा पास कर लेते थे. इस वे व्यंग्य करते हुए बताते हैं की स्कूल में उनकी माँ का टीचर होने के करना ही स्कूल उन्हें अंग्रेजी में फ़ैल नहीं करता था।
उनके अनुसार वे एक औसत दर्जे के विद्यार्थी रहे हैं, दसवीं कक्षा से उन्हें इंग्लिश विषय में रूचि आने लगी और वे इसमें भी अच्छा करने लगे, अपनी रूचि को देखते हुए ही उन्होंने अपने हायर एजुकेशन की पढ़ाई इंग्लिश माध्यम से किया। इससे ही पता चलता है की वे बहुत साहसी, जुझारू व आत्मबल के धनि व्यक्ति हैं।
दिव्यकीर्ति सर का कहना है की वे एक औसत दर्जे का विद्यार्थी रहे हैं। स्कूल के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में कॉलेज के पढाई के लिए दिल्ली आ गए।
दिल्ली में उन्होंने डॉ जाकिर हुसैन महाविद्यालय में स्नातक के लिए प्रवेश लिया।
यहाँ भी काफी प्रसिद्ध हुए, मित्रों की देखादेखी उन्होंने आरक्षण विरोधी आन्दोलनों में भाग लिया और पुलिस के डंडे भी खाये फिर बाद में उन्हें रेअलाइज हुआ की ऐसे आंदोलन सही नहीं हैं।
इसी कॉलेज में पढ़ते हुए उनके सीनियर से उनमें Ias बनने की रूचि पैदा हुयी, इसके लिए उन्होंने Bcom को बदल कर Ba में पढ़ाई करने का मन बनाया।
विकास सर की अन्य रुचियाँ: स्कूल-कॉलेज के दिनों में राजनीति के अलावा उन्हें वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में भाग लेना काफी पसंद था व उसमें अच्छी सफलता भी मिला।
दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दैरान किसी कारणवश उनके पिताजी की नौकरी चली गयी थी(जो बाद में उन्हें वापस मिल गयी) और माँ की नौकरी भी छूट गयी थी, तो इस समय वे अपने वर्ष भर के खर्चे डिबेट कॉम्पिटिशंस में भाग लेकर निकाल लिया करते थे, और कुछ आर्थिक मदद घर में भी दिया करते थे।
सेल्समैन का भी किया काम: विकास दिव्यकीर्ति सर अपने कॉलेज के दिनों में कमीशन बेस पर सेल्समैन का जॉब भी किया है वे घर-घर व दुकानों में जाकर कैलकुलेटर बेचा करते थे, यह काम में उन्हें बहुत कठिन लगता था व उनसे ज्यादा सेल्स नहीं हो पाते थे।
इसके अलावा उन्होंने अपने रिश्तेदार के पास प्रिंटिंग का काम सीखा और अपने बड़े भाई के साथ प्रिंटिंग कंपनी शुरू किया था, जो सफल भी रहा।
फिर जब उनके पिताजी की नौकरी वापस मिल गयी तो उन्होंने विकास सर को अपने सपने पूरा करने लिए प्रेरित किया।
इसी कॉलेज में पढ़ते हुए उनके सीनियर से उनमें Ias बनने की रूचि पैदा हुयी, इसके लिए उन्होंने Bcom को बदल कर Ba में पढ़ाई करने का मन बनाया।
बीए के बाद उन्होंने हिंदी साहित्य में एम ए किया, जिसमें वे DU में सेकंड टॉपर रहे।
विकास दिव्यकीर्ति जी ने किया प्रेम विवाह: सिविल सेवा के तैयारी के दौरान उन्हें उनकी वर्तमान पत्नी तरुणा वर्मा से प्रेम हो गया व बात घर तक पहुंच गयी, उनकी पत्नी ने ही विकास सर के माता-पिता से बात की, जिस वे आसानी से मान गए।
पहले ही प्रयास में उन्होंने UPSC की परीक्षा पास की और इंटरविव व रिजल्ट के बिच में ही उन्होंने अपनी प्रेमिका से 26 मई 1997 को शादी कर ली।
4 जून 1998 को उनके UPSC के रिजल्ट आये, जिसमें उनका 384 रैंक आया, इस तरह वे अपने पहले ही प्रयास में UPSC सिविल सर्विस की परीक्षा में सफल रहे।
बहुत अच्छे रैंक न आ पाने के कारन उन्हें उनका पसंददीदा पोस्ट आईएएस नहीं मिल पाया, उन्हें CISF असिस्टेंट कमांडर का पद अलॉट किया गया पर केंद्रीय सचिवालय सेवा में उनकी पोस्टिंग हुयी।
इसके बाद 1998 व 1999 में भी उन्होंने IAS के लिए 2 और प्रयास किये पर सफल नहीं हुए।
डॉ विकास दिव्यकीर्ति ऐसे बने अधयापक: अपने पहले सिविल सर्विस के प्रयास में सफल होने के बाद, जोइनिंग के पहले उनके एक मित्र ने उनसे हिंदी साहित्य पढ़ाने का निवेदन किया, उस समय विकास सर की उम्र 24 वर्ष था, इस समय वे पैसों की समस्या से जूझ रहे थे व कुछ कर्जे भी थे इसलिए उन्होंने नौकरी ज्वाइन करने के पहले कुछ छात्रों को पढ़ाने का निश्चय किया। इस समय 1998 में उन्होंने 12 विद्यार्थियों को पढ़ाया।
अध्यापन का यह कार्य दिव्यकीर्ति सर को इतना पसंद आया की उन्होंने सर्विस ज्वाइन न करके इसी काम को जीवन भर करने का मन बना लिया।
अब जून 1999 का समय आ गया जब उन्हें सर्विस जॉइन करना था, वे तो मन बना चुके थे की वे नौकरी नहीं करेंगे और शुरुआत में उनके फॅमिली मेंबर भी मान चुके थे पर इस समय उनके परिवार के लोगों ने नौकरी ज्वाइन करने का दबाव बनाया।
इस तरह वे केंद्रीय सचिवालय के राजभाषा विभाग में डेस्क ऑफिसर के पद पर कार्य करने लगे .
पर यह काम उन्हें जरा भी पसंद नहीं आया और उन्होंने 6 महीने के भीतर ही इस पोस्ट से अपना इस्तीफा दे दिया।
Drishti Ias की स्थापन: उन्हेने दिल्ली के ही शिवाजी जी कॉलेज में प्रोफेसर के पद के लिए अप्लाई कर दिया और DU (दिल्ली उनिवेर्सिटी) में भी अध्यापक बनने का एक मौका दिखने लगा।
पर केंद्रीय सचिवालय के पद से इस्तीफा मंजूरी होने में बहुत देरी हो गया जिसके चलते वे प्रोफेसर का पद ज्वाइन नहीं कर पा रहे थे।
सत्र 1999 के आसपास वे कुछ समय के लिए बिलकुल खाली थे, और इसी समय नवंबर 1999 में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति तथा डॉ. तरुणा वर्मा Drishti Ias की स्थापन किया।
नोट: विकास दिव्यकीर्ति सर अपने व्यक्तिगत जिंदगी के बारे में बात करना पसंद नहीं करते हैं, इसलिए उनसे सम्बंधित अनेक जानकारियां उपलध नहीं है, जिसका मुझे खेद है।
FAQ:
विकास दिव्यकीर्ति की पत्नी कौन है?
विकास दिव्यकीर्ति जी के पत्नी का नाम तरुणा वर्मा है।
क्या विकास दिव्यकीर्ति आईएएस थे?
UPSC के 1997 बच में विकास जी का 384 रैंक रहा, जिसके कारण उन्हें IAS का पोस्ट नहीं मिल सका, उन्होंने केंद्रीय सचिवालय में कुछ महीनों के लिए डेस्क ऑफिसर के पद पर कार्य किया।
विकास दिव्यकीर्ति का पद क्या है?
विकास दिव्यकीर्ति जी Drishti IAS कोचिंग संस्थान में प्रबंध निदेशक के पद पर है।
मैं डॉ विकास दिव्यकीर्ति से कैसे संपर्क कर सकता हूं?
डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर से संपर्क उनके ऑफिशल वेबसाइट Drishtiias.com के थ्रू क्र सकते हैं।
दृष्टि आईएएस के संस्थापक कौन है?
नवंबर 1999 में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति तथा उनकी पत्नी डॉ. तरुणा वर्मा ने Drishti Ias की स्थापन किया है।
विकास दिव्यकीर्ति की उम्र क्या है?
विकास दिव्यकीर्ति जी का जन्म तिथि 26 दिसम्बर 1973 है, अगस्त 2022 की स्थिति में वे 48 वर्ष के हैं।